दिल्ली सोलर पोर्टल के ज़रिए राजधानी में घर बैठे रूफटॉप सोलर लगवा सकेंगे लोग, सीएम आतिशी ने किया पोर्टल लांच

नई दिल्ली*

मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को दिल्ली सोलर पोर्टल को लांच किया। इसके ज़रिए राजधानी में लोग अब दिल्ली सोलर पॉलिसी का लाभ उठा सकेंगे और 400 यूनिट से ज़्यादा बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं का बिल भी जीरो आएगा। दिल्ली सोलर पोर्टल एक सिंगल विंडो सॉल्यूशन है, जिसपर सोलर पैनल लगवाने के लिए सभी जानकारी उपलब्ध है। पोर्टल से सोलर पैनल लगाने से लेकर सरकार से सब्सिडी पाने तक लोग घर बैठे एक क्लिक के ज़रिए सभी सुविधा पा सकें।

*दिल्ली सोलर पोर्टल एक सिंगल विंडो सॉल्यूशन जिसपर सोलर पैनल लगवाने के लिए उपलब्ध सभी जानकारी*

पोर्टल लांचिंग के मौके पर सीएम आतिशी ने कहा कि, “आज हम दिल्ली सोलर पोर्टल लांच कर रहे है। उन्होंने पोर्टल का यूआरएल http://solar.delhi.gov.in साझा करते हुए कहा कि, दिल्ली में रहने वाला कोई भी व्यक्ति यदि अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाना चाहता है, उसके लिए दिल्ली सोलर पोर्टल एक सिंगल विंडो सॉल्यूशन है, जिसपर सोलर पैनल लगवाने के लिए जरूरी सारी जानकारी उपलब्ध होगी।”

*सोलर पैनल लगाने से लेकर सरकार से सब्सिडी पाने तक लोग घर बैठे एक क्लिक के ज़रिए सभी सुविधा पा सकेंगे*

उन्होंने साझा किया कि, लोग इस पोर्टल पर जाकर दिल्ली सोलर पॉलिसी के बारे में, रूफटॉप सोलर पैनल लगाने के लाभ, लोग किस तरह से सब्सिडी का लाभ उठा सकते है। पोर्टल पर इम्पेनल्ड वेंडरों और पैनल लगाने में आने वाले खर्च के विषय में भी जानकारी ले सकेंगे और घर बैठे ही सोलर पैनल लगवा सकेंगे। साथ ही नेट मीटरिंग और सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के लिए भी लोग बिना किसी दफ़्तर के चक्कर लगाए पोर्टल से ही आवेदन कर सकेंगे। 

*पोर्टल पर मौजूद सोलर कैलकुलेटर से जानें, आपकी छत से कितनी सोलर ऊर्जा हो सकती है उत्पन्न*

सीएम आतिशी ने साझा किया कि, पोर्टल पर मौजूद सोलर कैलकुलेटर के ज़रिए लोग अपने छत के आकार के डेटा के ज़रिए ये जान सकेंगे कि उनके रूफटॉप से कितनी सौर ऊर्जा उत्पादित हो सकती है उसके लिए कितने किलोवाट के पैनल लगाने होंगे और पैनल लगाने में कितना खर्च आएगा। 

सीएम आतिशी ने कहा कि, “दिल्ली सरकार हमेशा साफ़ और प्रदूषण न फैलाने वाले ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की दिशा में प्रतिबद्ध रही है। दिल्ली देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जिसनें अपने सभी थर्मल पॉवर प्लांटों को बंद किया ताकि दिल्ली में रहने वाले लोगों को प्रदूषण का सामना न करना पड़े।”

उन्होंने कहा कि, “इस दिशा में आगे बढ़ते हुए दिल्ली सरकार ने 14 मार्च 2024 को दिल्ली सोलर पॉलिसी को लांच किया था। इस सोलर पॉलिसी के ज़रिए दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2027 तक दिल्ली में इस्तेमाल होने वाली 25% ऊर्जा की खपत की पूर्ति सौर ऊर्जा से हो। इस दिशा में दिल्ली की बिजली कंपनियों आने वाले तीन सालों में 3750 मेगावाट सोलर पॉवर का पॉवर पर्चेज एग्रीमेंट करेंगी। साथ ही 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन दिल्ली में घरों, दफ्तरों की छतों पर रूफटॉप सोलर के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम पहले ही शुरू कर दिया है। जिसके तहत दिल्ली सरकार की हर बिल्डिंग की छतों पर रूफटॉप सोलर लगाए जाएँगे।”

वाले सालों में हम सौर ऊर्जा के ज़रिए 750 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का अपना लक्ष्य ज़रूर हासिल करेंगे।”

सीएम आतिशी ने अपने एक्स(ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए कहा कि, “दिल्ली सोलर पॉलिसी देश की सबसे प्रगतिशील पॉलिसी है। आज इसके तहत ‘दिल्ली सोलर पोर्टल’ लांच किया। दिल्ली में जो भी लोग अपने घर की छतों पर सोलर पैनल लगवाना चाहते है, ये पोर्टल उनके लिए एक सिंगल विंडो सॉल्यूशन की तरह काम करेगा। इस पोर्टल के ज़रिए लोग दिल्ली सोलर पॉलिसी के बारे में, सोलर पैनल लगाने वाले वेंडरों के बारे में, सरकार से मिलने वाली सब्सिडी और पैनल लगाने में आने वाले खर्चे के बारे में जान सकेंगे और घर बैठे सोलर पैनल लगवा सकेंगे। साथ ही लोग सब्सिडी और नेट मीटरिंग के लिए भी पोर्टल के ज़रिए ही अप्लाई कर सकेंगे। मेरी सभी दिल्लीवालों से अपील है कि, दिल्ली सोलर पोर्टल solar.delhi.gov.in पर जाकर इस शानदार पॉलिसी का लाभ उठाए और दिल्ली को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाएं।”

400 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने पर पूरा बिल आता है। इस पॉलिसी के तहत सोलर पैनल लगवाने पर 400 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने वालो का भी बिजली का बिल जीरो हो जाएगा। दिल्ली सोलर पॉलिसी के तहत सभी आवासीय सेक्टर के लोगों का बिजली बिल जीरो हो सकता है। चाहे आप 800, 1000 या 2000 यूनिट बिजली इस्तेमाल करें, बिल जीरो आएगा। 

*ऐसे होगा आपका बिल जीरो और अतिरिक्त कमाई*

पॉलिसी के तहत सोलर पैनल में जितना पैसा खर्च होगा, वो अगले चार साल के अंदर रिकवर हो जाएगा। क्योंकि सरकार ने कई सब्सिडी का प्रावधान किया है। मसलन, आवासीय क्षेत्र में कोई उपभोक्ता 360 यूनिट बिजली इस्तेमाल कर रहा है, तो वो 201 से 401 यूनिट वाले स्लैब में आता है और उसका बिजली का बिल आधा आ रहा है। अगर वो उपभोक्ता दो किलोवॉट का रूफ टॉप सोलर पैनल लगवाता है तो उसे लगाने में 90 हजार रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इसके बाद उस उपभोक्ता का बिजली का बिल जीरो आने लगेगा और उसका हर महीने 1370 रुपए बचने लगेंगे। इसके अलावा, दिल्ली सरकार हर महीने 700 रुपए जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव(GBI) देगी। इससे उस उपभोक्ता की 700 रुपए हर महीने अतिरिक्त आमदनी होने लगेगी। दोनों को मिलाकर उस उपभोक्ता की हर महीने करीब 2000 रुपए की बचत होगी। इस तरह साल भर में 24 हजार रुपए बचेंगे और 4 साल के अंदर 90 हजार रुपए का निवेश रिकवर हो जाएगा। सोलर पैनल कम से कम 25 साल चलते हैं। इसलिए सोलर पैनल लगवाने के बाद 25 साल तक बिजली फ्री रहेगी। 

*सरकार पांच साल तक देगी इंसेंटिव*

दिल्ली सरकार सोलर पॉलिसी के अंतर्गत 5 तरह के वित्तीय लाभ देगी। अगर आप 3 किलोवॉट क्षमता का सोलर पैनल लगवाते हैं तो उससे पैदा होने वाली बिजली पर दिल्ली सरकार आपके बैंक खाते में 3 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से जमा करेगी। अगर 3 से 10 किलोवॉट क्षमता के सोलर पैनल लगवाते हैं तो 2 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से पैसा जमा कराया जाएगा। दिल्ली सरकार पांच साल तक यह जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव(GBI) देती रहेगी। पूरे देश में केवल दिल्ली सरकार ही सोलर पैनल लगवाने वाले लोगों को जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दे रही है। दिल्ली के अलावा किसी और राज्य की सरकार नहीं दे रही है। 

कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं का हो जाएगा आधा बिल*

दिल्ली सोलर पॉलिसी का फायदा आवासीय सेक्टर के अलावा कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। इस पॉलिसी के तहत कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ता सोलर पैनल लगवाते हैं तो उनके बिजली का बिल आधा (50 फीसद कम) हो जाएगा। क्योंकि कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं को भी पांच साल तक एक रुपए प्रति यूनिट जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव(GBI) दिया जाएगा। इस तरह दिल्ली के अंदर सभी आवासीय उपभोक्ताओं के बिजली का बिल जीरो हो जाएगा और कमर्शियल और इंडस्ट्रीय उपभोक्ताओं का वर्तमान में जितना बिल आ रहा है, पॉलिसी के तहत सोलर पैनल लगवाने पर उसका आधा बिल हो जाएगा। इसके अलावा, नई पॉलिसी के तहत सोलर पैनल लगवाने पर ग्रुप हाउसिंग सोसायटीज और रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन को पांच साल तक 2 रुपए प्रति यूनिट जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दिया जाएगा। 

साथ ही इस पॉलिसी में उपभोक्ताओं को कैपिटल सब्सिडी(पूंजी सब्सिडी) भी मिलती है। इसके तहत दिल्ली सरकार आवासीय उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट स्थापना 2 हजार रुपये की पूंजी सब्सिडी देती है, जो हर उपभोक्ता के लिए अधिकतम 10 हजार रुपये तक होती है। यह केंद्र सरकार की पूंजी सब्सिडी से अधिक है।

*दिल्ली सोलर पॉलिसी : नई विशेषताएँ*

दिल्ली सोलर पॉलिसी में ग्रुप नेट मीटरिंग, वर्चुअल नेट मीटरिंग और RESCO मॉडल जैसी मौजूदा सुविधाएँ जारी रहेंगी। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं की जरूरतों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए कई नई और इनोवेटिव योजनाएँ शुरू की जा रही हैं:

RESCO मॉडल की जानकारी:

RESCO (Renewable Energy Service Company) मॉडल में बड़े उपभोक्ताओं (जिनकी बिजली मांग 25kW से अधिक है) को सोलर प्लांट में निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके बजाय, वे एक सोलर डेवलपर के साथ बिजली खरीद समझौता (PPA) करते हैं और एक तय टैरिफ पर बिजली खरीदते हैं।

नई सुविधाएँ और मॉडल:

1. कम्युनिटी सोलर मॉडल:

    * देश में पहली बार ‘कम्युनिटी सोलर’ मॉडल लागू किया जाएगा।

    * जिन उपभोक्ताओं के पास सोलर प्लांट लगाने के लिए उपयुक्त छत नहीं है, वे किसी अन्य स्थान पर कम्युनिटी सोलर सिस्टम में भागीदारी कर सकते हैं।

    * उन्हें नेट-मीटरिंग और जीबीआई (GBI) जैसे लाभ प्राप्त होंगे।

2. हाइब्रिड RESCO मॉडल:

    * यह मॉडल छोटे उपभोक्ताओं को सोलर एनर्जी का लाभ देगा, भले ही उनके पास निवेश के लिए धन न हो।

    * उपभोक्ता सस्ती सोलर ऊर्जा का लाभ उठा सकेंगे और नेट-मीटरिंग के फायदे भी प्राप्त करेंगे।

3. पियर-टू-पियर ट्रेडिंग:

    * पहली बार, सोलर ऊर्जा की पियर-टू-पियर ट्रेडिंग का मॉडल पेश किया जाएगा।

    * सोलर सिस्टम के मालिक अतिरिक्त बिजली को रियल टाइम में अन्य उपभोक्ताओं को बेच सकेंगे।

    * इसके लिए एक विशेष P2P ऊर्जा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा।

अन्य प्रमुख पहलें:

1. सरकारी भवनों में सोलर प्लांट अनिवार्य:

    * 500 वर्ग मीटर से अधिक छत वाले सभी सरकारी भवनों को अगले 3 वर्षों में सोलर प्लांट लगाना होगा।

2. दिल्ली के बाहर सोलर प्लांट्स से बिजली खरीद:

    * दिल्ली सरकार अब राज्य के बाहर बड़े पैमाने पर सोलर पावर प्लांट्स से बिजली खरीद करेगी।

    * दिल्ली RE-RTC (Renewable Energy – Round the Clock) मॉडल में भाग लेने वाले पहले राज्यों में से एक है।

    * इस मॉडल में सोलर, विंड और बैटरी  से 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

1250 मेगावाट क्षमता वाली परियोजनाएँ पहले ही टेंडर प्रक्रिया में हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *