फर्जी कागजातो के आधार पर कब्जाई जमीन, ईस्ट विनोद नगर में बिल्डर ने की धोखाधड़ी बिल्डर पर धमकाने की भी लगाया आरोप ।
ईस्ट विनोद नगर में फर्जी हस्ताक्षर करके दिल्ली उच्च न्यायालय को गुमाराह करने वाला बिल्डर अश्विनी शर्मा को 14 दिन की न्याययिक हिरासत में भेजा गया। पूरा मामला किया है हम आपको बताते है मीना अग्रवाल जोकि बिल्डर द्वारा पीडि़ता हैं उन्होंने अश्वनी शर्मा बिल्डर द्वारा लुभावनी बातें करके उनका मकान बनाने के लिए कहा जो की विनोद नगर में स्थित है बिल्डर ने आश्वासन दिया इस सन्दर्भ में एक collaboration agreement जनवरी 2010 में बनाया गया
मीना अग्रवाल शिकायत कर्ता को अश्वनी शर्मा बिल्डर द्वारा लुभावनी बातें करके उनका मकान बनाने जो की विनोद नगर में स्थित है को बनाने का आश्वासन दिया गया और इस सन्दर्भ में एक collaboration agreement जनवरी 2010 में बनाया गया अग्रीमेंट के अनुसार पूरी संपत्ति पर प्रति मंजिल 2 फ्लैट 4 मंजिल तक बनने थे और ग्राउंड फ्लोर पर एक दुकान और एक मिनी फ्लैट बनना था जिसमे 4 फ्लैट व एक दुकान शिकायत कर्ता को मिलनी थी और 4 फ्लैट व एक मिनी फ्लैट ग्राउंड फ्लोर पर बिल्डर को मिलना था जबकि बिल्डर ने ग्राउंड फ्लोर पर कोई भी मिनी फ्लैट नहीं बनाया था और उसकी जगह पर एक बहुत बड़ा गोदाम बनाया था जिसका कि शिकायत कर्ता द्वारा शुरू से ही विरोध किया गया था बिल्डिंग अक्टूबर 2011 तक तैयार हो गई थी और शिकायत कर्ता ने अग्रीमेंट के अनुसार बिल्डर के कहने पर उसके चारो फ्लैट की रजिस्ट्री उसी के द्वारा बताये गए लोगो को कर दी व इसका पैसा भी बिल्डर ने अपने पिता कृषण लाल शर्मा ओर पत्नी श्वेता शर्मा के बैंक खाते में ले लिए थे ग्राउंड फ्लोर की दुकान का कब्जा भी बिल्डर ने ले लिया था |
यह कि दिनांक 05.07.2018 को शिकायत कर्ता के घर पर दिल्ली के मननीय उच्च न्यायालय के नोटिस दस्तावेजों के साथ मिले जिसमे बिल्डर द्वारा यह लिखा गया कि बिल्डर द्वारा अपने 4 फ्लैट नहीं बेचे गए और यह 4 फ्लैट शिकायत कर्ता ने बेच कर उसके पैसे हड़प कर लिए है बिल्डर द्वारा उन दस्तावेजों में शिकायत कर्ता के कुछ फर्जी हस्ताक्षर किये गए और कुछ फर्जी दस्तावेज़ भी बनाए गए जिसकी शिकायत शिकायत कर्ता ने दिनांक 10.07.2018 को थाना कल्याणपुरी में की और उसके बाद माननीय न्यायालय कड़कड़डूमा के आदेशों पर दिनांक 05.03.2019 को कल्याणपुरी थाने ने FIR No. 109/2019 धारा अंतर्गत 420/467/468/471/120B/506 IPC दर्ज की जिसकी जांच डी.आई.यू. ईस्ट डिस्ट्रिक्ट को सौंपी गयी जिस पर पुलिस द्वारा शिकायत कर्ता के हस्ताक्षरों को जांच कराने हेतु फोरेंसिक साइंस लैब भेजा गया |
फर्जी दस्तावेजों को दिल्ली के माननीय उच्च न्यायालय में मुकदमा संख्या ARB.P.700/2018 जो कि ऑर्डर दिनांकित 08.05.2019 को Arbitrator नियुक्त किया गया था जिस पर माननीय अदालत के आदेशों पर रिटायर्ड ए. एस. जे को Arbitrator के तौर पर नियुक्त किया गया जहाँ पर फर्जी दस्तावेजों को असल दस्तावेज बना कर चलाया गया और दिनांक 01.08.2020 को Arbitrator द्वारा करीब 2 करोड़ का अवार्ड शिकायत कर्ता के विरूद्ध पास किया गया |
बिल्डर यहीं नही रुका, बिल्डर के द्वारा 2 करोड़ की रकम की वसूली के लिए शिकायत कर्ता के विरुद्ध एक Execution Petition no. OMP(ENF.)(COMM)/27/2021 फाइल की गयी और शिकायत कर्ता के द्वारा सैक्शन 34 फाइल किया गया जिसकी अगली तारीख 16.02.2023 है|
पुलिस की जांच में पुलिस ने यह पाया कि अश्वनी शर्मा द्वारा ओर उसकी सहयोग से यह उसके हिस्से के चारो फ्लैट रचना गोयल, प्रीती सोनी, तारा दत्त और दीपक जोशी को बेचे गए व इसका सभी पैसा अश्वनी शर्मा के पिता कृष्ण लालशर्मा व पत्नी श्वेता शर्मा के खातो में आया और यह पैसा नकद के रूप में भी उसी ने प्राप्त किया इस सन्दर्भ में पुलिस ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष दिनांक 19.07.2021 को एकStatus Report भी फाइल की थी FSL द्वारा दिनांक 11.01.2023 को रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसके अनुसार शिकायत कर्ता के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए दिल्ली पुलिस के Standing Order No. Crime/06/2022 के अंतर्गत जांच अधिकारी द्वारा डी.सी.पी. (ईस्ट डिस्ट्रिक्ट) से बिल्डर को गिरफ्तार करने हेतु इजाज़त मांगी गयी जिसपर डी.सी.पी. (ईस्ट डिस्ट्रिक्ट) और जॉइंट सी. पी से इजाज़त लेने के बाद बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया गया