विशेष संवाददाता चिमन लाल
रोहतक
गांधीनगर, वार्ड एक स्थित श्री शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा का दिव्य आयोजन किया गया। कथा के द्वितीय दिवस पर प्रसिद्ध कथाव्यास स्वामी रामानुज दास जी (रामा आश्रम, रोहतक) ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक प्रवचनों से प्रेरित किया।
स्वामी जी ने अपने प्रवचन में सुखदेव जी के अद्भुत जन्म प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि वे बारह वर्षों तक माता के गर्भ में रहे। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त हुआ, जो इस कथा का मुख्य संदेश है। दक्ष यज्ञ प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि यज्ञ का उद्देश्य हमेशा पवित्र होना चाहिए। दक्ष, जो एक कर्मयोगी थे, ने अपने यज्ञ में शिव के अपमान का लक्ष्य रखा, जिससे यज्ञ भंग हो गया और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़े। स्वामी जी ने भक्ति में दृढ़ता की महत्ता बताते हुए भगवान के 24 अवतारों का उल्लेख किया और श्रद्धालुओं को भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर महंत अशोक दास जी ने श्रद्धालुओं को प्रेरित करते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपने लक्ष्य को दुर्लभ मानता है, वह उसे प्राप्त नहीं कर सकता। इस दिव्य आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे और आध्यात्मिक कथा का आनंद लिया।