राजधानी की हर गली-सड़क से अंधेरा दूर करेगी केजरीवाल सरकार
रहा था। केजरीवाल सरकार तमाम योजनाओं के तहत स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रयास पिछले काफी समय से कर रही थी। लेकिन एमसीडी की ओर से बार-बार अड़चन पैदा की जा रही थी। इसी कारण केजरीवाल सरकार ने अपने तरह का अनोखा प्लान बनाया। इस योजना के तहत अब मकान मालिक, विधायक और बिजली कंपनी मिलकर स्ट्रीट लाइटें लगा सकती है। खास बात यह है कि स्ट्रीट लाइट्स लगाने के लिए ज्यादा जगह की भी जरूरत नहीं होती। इसे पतली संकरी गलियों और यहां तक की घर की दीवार पर भी लगाया जा सकता है। यही वजह है कि अधिक से अधिक लोग इस योजना से जुड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना से अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर गुड गवर्नेंस की मिसाल पेश की है।
आटोमेटिक काम करती है ये स्ट्रीट लाइट्स
केजरीवाल सरकार की इस योजना के तहत लगाई जा रही लाइट्स आटोमेटिक है। इसमें सेंसर लगा होता है। ये लाइट्स स्वत: अंधेरा होने पर जल जाती है और सुबह सूरज निकलने पर बंद हो जाती है। दिल्ली में कार्यरत तीन कंपनियों की ओर से योजना का इम्प्लीमेंट– इंस्टालेशन, मेंटेनन्स किया जा रहा है। प्रत्येक डिस्कॉम को पहले 70 हजार स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी, अब इसे और बढ़ा दिया गया है। इस योजना में, टाइमर और सेंसर के साथ 20/40 वाट एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी।
पहली बार इतने बड़े पैमाने पर लग रही हैं स्ट्रीट लाइट्स
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पहली बार इतने बड़े पैमाने पर लाइटें सरकार की तरफ से लगाई जा रही है। दिल्ली में महिलाओं के साथ अंधेरी जगहों पर वारदातों को खत्म करने में यह योजना कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट को भवन मालिक के घर से ही बिजली मिलती है। यूनिट के मुताबिक ही बिजली को भवन मालिक के बिल से कम कर दिया जाता है। लोग अपने घर, दुकान, गली, कहीं भी इसे लगवा सकते हैं। दिल्ली के लोग काफी उत्साह से इस स्कीम में जुड़ रहे हैं, हमें उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली की हर गली रोशनी से जगमग होगी।