उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी (DGP) यानी पुलिस महानिदेशक को लेकर एक बार फिर से चर्चाएं शुरू हो गईं हैं. 30 मई को प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी आ के विश्वकर्मा का रिटायरमेंट होना है.
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं उनकी सेवानिवृत्ति के बाद क्या यूपी को नए और स्थायी डीजीपी मिल सकते हैं या फिर एक बार फिर से अस्थाई रूप से किसी को ये जिम्मेदारी दी जा सकती हैं. हालांकि यूपी डीजीपी की रेस में कई ऐसे नाम हैं जो आगे चल रहे हैं.
यूपी में नए डीजीपी के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही है, उसमें मुकुल गोयल पहले नंबर पर हैं. मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. डीएस चौहान से पहले वही डीजीपी थे, लेकिन 11 मई 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें हटा दिया था. मुकुल गोयल को नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. अब अगर सीनियरिटी की लिस्ट देखें तो मुकुल गोयल का नाम एक बार फिर सबसे ऊपर है. हालांकि, योगी सरकार उन्हें दोबारा डीजीपी बनाएगी इसे लेकर संशय है.
यूपी डीजीपी के रेस में ये नाम
मुकुल गोयल के बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार और विजय कुमार का नाम है. आनंद कुमार लंबे समय तक डीजी जेल रहे. हाल ही में उन्हें हटाकर सहकारिता विभाग भेजा गया है. इन तीनों आईपीएस अधिकारियों का कार्यकाल 2024 तक है. इन तीन नामों के साथ ही 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष गुप्ता, 1990 बैच की रेणुका मिश्रा, बीके मौर्य और एसएन साबत भी डीजीपी की लाइन में हैं.
फिर अस्थाई डीजीपी संभालेंगे कमान
हालांकि, चर्चा यह है कि इसमें से कोई भी योगी सरकार की पसंद का नहीं है. ऐसे में 30 मई को आरके विश्वकर्मा के रिटायरमेंट के बाद एक बार फिर अस्थाई डीजीपी प्रदेश की कमान संभालेगा. स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा सकता है. इन चर्चाओं को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि बीते दिनों ही योगी सरकार ने प्रशांत कुमार को स्पेशल डीजी के पद पर प्रमोट किया था और हाल ही में उन्हें कई विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.