एसपी डॉ अर्पित जैन ने स्वयं शामिल होकर किया दौड़ का शुभारंभ
झज्जर: 31 अक्तूबर 2023
लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर मंगलवार को झज्जर शहर में रन फ़ॉर यूनिटी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष में आयोजित रन फॉर यूनिटी दौड़ के दौरान पुलिस अधीक्षक झज्जर डॉ अर्पित जैन की मुख्य मौजूदगी में डीएसपी झज्जर शमशेर सिंह दहिया व जिला के अन्य पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों ने इस दौड़ में भाग लिया। एसपी डॉ अर्पित जैन ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को जिला नाडियाड गुजरात के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने जीवन में अनेकों सत्याग्रह किए, जिनमें खेड़ा सत्याग्रह, झंडा सत्याग्रह व बारदोली सत्याग्रह शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने 1930 में महात्मा गांधी जी के साथ नमक सत्याग्रह आंदोलन व सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया गया। उनकी कार्य शैली व उच्च विचारों को आज भी हम सब देशवासी दिल से मानते हैं। उनके विचार थे कि हमें आपसी मतभेद एवं ऊंच-नीच के अंतर को भुलाकर समानता का भाव रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महान नेताओं की वजह से हमें आजादी मिली। आज हम उन महान नेताओं व ज्ञात-अज्ञात देशभक्तों एवं शहीदों की वजह से ही खुली हवा में सांस ले रहे हैं। लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल अखंड भारत के निर्माता रहे हैं। जब 1947 में भारत आजाद हुआ तो देश की एकता व अखंडता को एक सूत्र में पिरोना सबसे बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती को सरदार पटेल ने बखूबी समझा और अनेक रियासतों को मिलाकर देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हमें सरदार पटेल के पदचिह्नों पर चलते हुए राष्ट्र व समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभानी चाहिए। देश की एकता व अखंडता के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए। सरदार वल्लभभाई पटेल महान स्वतंत्रता सेनानी एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की जब भी बात होती है तो सरदार पटेल का नाम सर्वप्रथम याद किया जाता है, उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल का ही कमाल था। आजादी के बाद भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल ने 562 छोटी बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलय करवाकर अखंड भारत और राष्ट्रीय एकता की मजबूत नींव रखी थी। दुनिया के इतिहास में यह पहला अवसर था जब बिना किसी रक्तपात के अनेक रियासतों का विलय करवाया गया हो। इस लोह पुरुष को युगो युगो तक याद रखने के लिए गुजरात के नर्मदा जिले में स्टैचू ऑफ यूनिटी के नाम से उनका एक स्मारक बनाया गया है। यह स्मारक विश्व के आठवें अजूबे के रूप में सदियों तक मानवता को मार्गदर्शन देगा। उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसे विशेषणों से नवाजा गया। वल्लभ भाई पटेल ने आजाद भारत को एक विशाल राष्ट्र बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया। देश की एकता अखंडता और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए हमें स्वयं को समर्पित कर देना चाहिए और इस संदेश को देशवासियों तक पहुंचाने में अपनी सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए।