वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया यूनियन की तरफ से दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन जी को दिया गया ज्ञापन

सरकार से मांग करेंगे कि वह दिल्ली के पत्रकारों की सुविधाओं के लिए कारगर कदम उठाए – डॉक्टर हर्षवर्धन

नई दिल्ली, 26 जून,दिल्ली के पत्रकारों की मांगों को लेकर, एक ज्ञापन हमारी यूनियन, वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया की तरफ से दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन जी को ज्ञापन दिया गया । आपको पता ही होगा कि डॉक्टर हर्षवर्धन जब दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री थे तो पत्रकारों को लेकर, मेडिकल एड बिल लाए थे, जिसे शीला दीक्षित व केजरीवाल सरकार ने तबाह कर दिया था।

डॉ हर्ष वर्धन ने कहा जब मैं स्वास्थ्य मंत्री था, एजुकेशन मिनिस्टर था तब मैने पत्रकारों के उत्थान के लिए ,इसके हितों की रक्षा के लिए कानून भी बनाया था। उसके अनुसार सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई थी। मुझे ऐसा बताया गया है कि उसके बाद की सरकारों ने उसे समाप्त कर दिया है या उस पर ध्यान नहीं दिया गया है मुझे आज ज्ञापन दिया गया है मै अब सरकार में तो हु नहीं लेकिन में निश्चित रूप से आप सभी पत्रकारों की आवाज सरकार तक पहुंचाऊंगा।
ज्ञापन यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय कुमार उपाध्याय, राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी, दिल्ली यूनिट के अध्यक्ष संदीप कुमार शर्मा जी की तरफ से डॉक्टर हर्षवर्धन जी को दिया गया। इस अवसर पर पत्रकार
बलराम शर्मा, मणि आर्य, राजेश खन्ना
ईश मालिक,शिवाजी सरकार ,महेश ढोंडियाल,
महेंद्र,सुमित उपाध्याय, पवन जुनेजा भी मौजूद थे।

डॉक्टर हर्षवर्धन जी को दिया गया ज्ञापन इस तरह से है ।
1 दिल्ली प्रेस रिपोर्टर्स मेडिकल एड रूल्स 1995में संशोधन की मांग* – मान्यवर, जिस समय आप दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री थे तो वर्ष 1995 में दिल्ली सरकार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए ये रूल्स अधिसूचित किए गए थे । जिसके तहत पत्रकारों, वे उनके माता पिता, पति या पत्नी , व बच्चों को वे सभी मेडिकल सुविधाएं दी जाएंगी, जो केंद्र या राज्य सरकारों में क्लास वन राजपत्रित अधिकारियो (Group A) को दी जा रही हो । शुरुआत में इन रूल्स का लाभ पत्रकारों व उनके परिवार के सदस्यों को मिलने भी लगा, पर बाद में उन रूल्स में कुछ न कुछ खामियां निकाली जाने लगी , जिससे दिल्ली के पत्रकारों को मेडिकल सुविधाओं को लेने में तरह तरह की दिक्कते आने लगी । मान्यवर, दिल्ली सरकार का DIP यानि सूचना व प्रचार निदेशालय दिल्ली सरकार के मानता प्राप्त पत्रकारों को हेल्थ कार्ड जारी करता है । ये हेल्थ कार्ड दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य महानिदेशालय की तरफ से जारी नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से सरकारी व पैनल वाले प्राइवेट हॉस्पिटल व लैब्स में वे मेडिकल सुविधाएं मिल मिल पाती है, जो प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारियों को हासिल होती है । मान्यवर, केंद्र सरकार के प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो से जुड़े पत्रकारों को भी सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिकल सुविधाएं हासिल होती है , जिसके एवज में केंद्र सरकार का स्वास्थ्य महानिदेशालय पत्रकारों से कुछ सालाना राशि लेता है । मान्यवर, यदि, दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य महानिदेशालय, भी दिल्ली सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकारों को हेल्थ कार्ड जारी करके , उन्हें सरकारी व पैनल वाले प्राइवेट हॉस्पिटल व लैब्स में वे सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाने लग जाए, जो प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारियों को हासिल है, तो दिल्ली सरकार के मानता प्राप्त पत्रकार भी स्वास्थ्य महानिदेशालय को वह राशि देने को तैयार है, जो केंद्र सरकार का स्वास्थ्य महानिदेशालय, पीआईबी, से मान्यता प्राप्त पत्रकारों से लेता है । मान्यवर, पिछले 2 वर्ष से दिल्ली सरकार के महानिदेशालय में दिल्ली के कई पत्रकारों के मेडिकल बिल, किसी न किसी तकनीकी कारणों की वजह से लंबित पड़े है । हम आपसे मांग करते है कि उन सभी मेडिकल बिलों का भुगतान सुनिश्चित करवाया जाए

2 दिल्ली के पत्रकारों को पेंशन– देश के ज्यादातर राज्यों, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, ओडिशा ,प्रमुख है, जो अपने राज्य के पत्रकारों को नियमित प्रतिमाह, पेंशन सुविधा देता है । पर देश की राजधानी , दिल्ली के पत्रकार इस सुविधा से वंचित है । दिल्ली के पत्रकार और दिल्ली पत्रकार एक्रीडेशन कमेटी कई बार इस सिलसिले में चर्चा करके इस पेंशन सुविधा को लागू करने की मांग दिल्ली सरकार से कर चुके है, पर कभी भी इस मांग पर अमल नहीं हुआ है । हिमाचल प्रदेश की हाईकोर्ट भी इसे लेकर राज्य सरकार को निर्देश(प्रति संलग्न) निर्देश दे चुकी है । मान्यवर, हमारी मांग है कि जो पत्रकार करीब 10 वर्ष से दिल्ली सरकार के सूचना व प्रसारण विभाग से मान्यता प्राप्त है और 60 वर्ष या उससे ज्यादा की आयु के पत्रकार है, उन्हें नियमित 15,000 ( पंद्रह हजार रुपए ) पेंशन सुविधा दी जाए । ये सभी उन पत्रकारों को दी जानी चाहिए, जो
आयु व सरकारी मान्यता की समय सीमा में आते हो, पर मौजूदा में वे पत्रकारिता के क्षेत्र में आते हो या नहीं उन सभी को ये सुविधा मिलनी चाहिए

महोदय, हमे उम्मीद है कि हमारी इन मांगों को आप जल्द से जल्द पूरा करवाएंगे । आप चाहे तो दिल्ली सरकार से बात करके एक आधिकारिक कमेटी का भी गठन करवा सकती है, जिसमें दिल्ली सरकार के चंद संबंधित अधिकारियों के साथ, हमारी टीम से 2 पत्रकारों को भी शामिल किया जाए और ये कमेटी समयबद्ध अपनी रिपोर्ट सरकार के समक्ष रखे, ताकि पत्रकारों की समस्याओं का कोई सर्वमान्य हल निकल सके । आशा है कि आप हमारी समस्याओं को दिल्ली सरकार के समक्ष रखेंगे, ताकि पत्रकारों की समस्याओं का निदान हो सके ।
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहां की वर्किंग जनरलिस्ट ऑफ़ इंडिया के पत्रकारों माध्यम से मुझे ज्ञापन दिया गया है। उन्होंने कहा कि 1995 में जब दिल्ली में बीजेपी की सरकार थी उस समय दिल्ली के पत्रकारों को अनेक प्रकार की सुविधाएं सरकार द्वारा दी जाती थी। बाद में दिल्ली में कांग्रेस की सरकार आ गई और उसके बाद आम आदमी पार्टी की सरकार आ गई इन दोनों सरकारों ने पत्रकारों की सुविधाओं पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है। वह सरकार का हिस्सा अब नहीं रहे हैं पर सरकार में बैठे लोगों से मांग करेंगे कि वह दिल्ली के पत्रकारों की सुविधाओं के लिए कारगर कदम उठाएं।

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