समर एक्शन प्लान के तहत धूल, ओपेन बर्निंग व औद्योगिक प्रदूषण रोकने, सॉलिड वेस्ट मैनेमेंट, रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी, ग्रीन कवर बढ़ाने, झीलों के विकास और पड़ोसी राज्यों से संवाद समेत अन्य कदम उठाएंगे- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों की वजह से वायु प्रदूषण में लगातार सुधार हो रहा है। दिल्ली की हवा में और सुधार लाने के इरादे से सोमवार को सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने 14 फोकस प्वाइंट पर आधारित समर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुए कहा कि देश की संसद ने भी माना है कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। 2016 से 2022-23 तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में 30 फीसद की कमी आई है। यह दिल्लीवालों की मेहनत का परिणाम है। इसमें और सुधार लाने के लिए हम दिल्लीवासियों के साथ मिलकर समर एक्शन प्लान को प्रभावी रूप से लागू करेंगे। इसके तहत धूल प्रदूषण, ओपेन बर्निंग व औद्योगिक प्रदूषण रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेमेंट, रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी, ग्रीन कवर बढ़ाने, झीलों के विकास और पड़ोसी राज्यों से संवाद समेत अन्य कदम भी उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता कर समर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में काफी सुधार हुआ है। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। अगर हम पूरे देश में देखें तो हर शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब ही होती जा रही है, लेकिन दिल्ली में दिल्ली सरकार के कार्यों और दो करोड़ दिल्लीवासियों की मेहनत व सहयोग की वजह से लगातार प्रदूषण कम हो रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार 2016 से 2022-23 के बीच वायु प्रदूषण में 30 फीसद की कमी आई है। 2016 में 365 दिनों में सीवियर कटेगरी के 26 दिन होते थे। इस दौरान बहुत ज्यादा प्रदूषण होता था और एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक होता था। यह 2022-23 में घट कर मात्र 6 दिन रह गया है। 2016 में वेरी पुअर और सीवियर के 124 दिन होते थे, जो 2022 में घट कर 72 दिन रहे गए हैं। 2016 में सैटिफैक्टरी, गुड और मॉडरेट के 109 दिन होते थे, जो 2022 में 163 दिन हो गए हैं। दिल्ली में अब अच्छे दिनों की संख्या बढ़ गई है।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे सर्दियों में दिल्ली सरकार अपना विंटर एक्शन प्लान बनाती है, वैसे ही पिछले साल से गर्मियों के लिए भी समर एक्शन प्लान बनाना शुरू किया है। जब से हमने रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी चालू की है, तब से हमने यह अनुभव किया है कि सर्दियों में प्रदूषण के कारण अलग हैं और गर्मियों में प्रदूषण के कारण अलग हैं। सर्दियों में प्रदूषण अधिकतर मौसम में बदलाव के कारण होता है। इसमें पराली जलाने, पटाखों, गाड़ियों से होने वाले धुंए और खुले में आग जलाना भी शामिल है। वहीं, गर्मियों में मुख्य रूप से धूल, कूड़े के पहाड़ों व झाड़ियों में आग लगने की वजह से प्रदूषण होता है। सीएम ने समर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुए कहा कि समर एक्शन प्लान के तहत कुछ तत्कालिक कदम उठाए जाएंगे और कुछ दीर्घकालीन कदम उठाए जाएंगे। 30 सरकारी विभागों के साथ बैठक कर यह समर एक्शन प्लान बनाया गया है। जिनमें पर्यावरण, डीपीसीसी, विकास विभाग, कंटोनमेंट बोर्ड, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए, दिल्ली पुलिस, राजस्व, डीएसआईडी, शिक्षा, डीएमआरसी, पीडब्ल्यूडी, ट्रांसपोर्ट, एनएचएआई, दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी और एनडीएमसी समेत अन्य विभाग शामिल हैं। सीएम उम्मीद की है कि आने वाले दो-चार सालों में दिल्ली में एक भी दिन सीवियर और वेरी पुअर कटेगरी में नहीं होंगे।
*5- रियल टाइम अपोर्शनमेंट स्टडी*
रियल टाइम अपोर्शनमेंट स्टडी की मदद से प्रदूषण का वास्तविक लोकेशन पता करने की कोशिश कर रहे हैं। सभी 13 हॉटस्पॉट में एक सप्ताह के लिए मोबाइल एयर लैब की तैनाती की जाएगी, ताकि वहां प्रदूषण के वास्तविक कारकों का पता चल सके और उसी के आधार पर कार्रवाही की जाएगी।
*6- वृक्षारोपण*
दिल्ली में इस साल ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए 52 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से समर एक्शन प्लान के तहत 42 लाख पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही 4 लाख पौधों को फ्री में वितरित किया जाएगा।
*7-ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी*
दिल्ली में ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी काफी सफल है। इसमें अब यह कोशिश की जा रही है कि जो पेड़ ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं, उनमें से ज्यादा पैसे जीवित रहें। इस पर बल दिया जा रहा है। ट्रांसप्लांट पेड़ों के जीवित रहने की दर में वृद्धि की निगरानी के लिए स्पेशल टीम का गठन किया जा रहा है।
8-सिटी फॉरेस्ट का विकास*
दिल्ली में कुल सात सिटी फॉरेस्ट को विकसित किया जा रहा है। इसमे पर्यावरण के अनुकूल ट्रेल्स, साइकिल मार्ग, पक्षी देखने के डेक, कैनोपी वॉक, बैठने की जगह, ओपन इंटरप्रिटेशन साइनेज आदि का इंतजाम किया जाएगा।
*9- अर्बन फार्मिंग*
अर्बन फार्मिंग के लिए 400 कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। इसमें लोगो को फ्री प्रशिक्षण किट प्रदान की जाएगी।
*10 दिल्ली के झीलों का विकास*
दिल्ली जल बोर्ड साथ मिलकर बड़े स्तर पर दिल्ली को झीलों का शहर बनाने पर काम किया जा रहा है। दिल्ली की 700 झीलों की उपस्थिति की रियल्टी चेक की जाएगी। अभी प्लान में भूमि स्वामित्व एजेंसियों द्वारा लगभग 100 जल निकाय की बहाली और पुनरुद्धार का कार्य किया जाएगा।
*11- पार्क का विकास (हरित पार्क)*
एनडीएमसी और एमसीडी को आधे एकड़ से अधिक वाले सभी पार्कों का विकास करने को कहा गया है। दिल्ली में इस तरह के करीब 3500 पार्क हैं। इनका विकास दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। एमसीडी के 16-17 हजार पार्क हैं, इन सभी को अगले साल मार्च-अप्रैल तक विकसित करने की योजना है।
*12-ई-वेस्ट इको पार्क*
दिल्ली के होलंबी कलां में 20 एकड़ में ई-वेस्ट ईको पार्क बनाया जा रहा है। पूरे देश में इस तरह का पहला पार्क होगा। इसके प्रबंधन और स्थापना के कार्य में तेज़ी लाई जा रही है।
*13- इको क्लब एक्टिविटी*
दिल्ली के 2 हजार स्कूलों व कॉलेजों में ईको क्लब चल रहे हैं। इको क्लबों में जागरूकता अभियान चलाने का लक्ष्य रखा गया है। सक्रिय इको-क्लब स्कूल/कॉलेज से 10-20 इको-क्लब शिक्षकों की एक कोर टीम भी गठित की जा रही है।
*14-पड़ोसी राज्यों से संवाद*
हवा किसी नहीं है। दिल्ली और हरियाणा की हवा अलग-अलग नहीं है। हम आसपास के राज्यों के साथ संवाद करते रहते हैं ताकि पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में आने वाले वाहन सीएनजी वाले हों, ईटों के भट्ठों से जो प्रदूषण आता है, उसमें कमी हो, दिल्ली के आसपास के थर्मल पावर प्लांट के प्रदूषण में कमी हो, जो ट्रक दिल्ली के नहीं हैं, वो दिल्ली के बाहर से निकलें और पराली जलने की घटनाओं को नियंत्रित किया जाए।