दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि इस तरह के अतिक्रमण से यमुना नदी प्रदूषित हो रही है। अवैध कॉलोनियों से बहने वाला अनुपचारित सीवेज यमुना नदी में जाता है, जिससे पानी दूषित हो रहा है, इसलिए इस एक्शन पर रोक नहीं लगाई जाएगी। इस केस की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने की है। पीठ ने कहा कि यमुना को दूषित करने वाले अतिक्रमण को हटाए जाने के खिलाफ याचिकाकर्ता ने जो याचिका दी है, वह इसके हकदार नहीं है, नदी को साफ-सुथरी रखना कोई नहीं चाह रहे हैं।
बताते चलें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 इस अवैध कॉलोनी को हटाने के लिए डीडीए के उपाध्यक्ष को निर्देश दिए थे। यमुना किनारे बने इस अतिक्रमण को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, दिल्ली नगर निगम, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से समन्वय करने के लिए डीडीए उपाध्यक्ष को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण वाला जगह दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत ओ जोन में आती है। दिल्ली के ओ जोन में आने वाली जगह पर बागवानी की जानी होती है, लेकिन यहां निर्माण कार्य कर दिए गए हैं, इसलिए इस अतिक्रमण को हटाया जाएगा।