कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें 31 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे।पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने हाल ही में भारतीय रेलवे से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
विनेश को जुलाना सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बजरंग पुनिया को उम्मीदवार न बनाकर किसान कांग्रेस का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लेकिन अब विनेश के चुनाव लड़ने पर संशय खड़ा हो गया है क्योंकि रेलवे ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
रेलवे ने दोनों पहलवानों के इस्तीफे नहीं किए स्वीकार
विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने पर संशय की स्थिति है, क्योंकि भारतीय रेलवे ने विनेश और बजरंग दोनों का इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया है। 4 सितंबर को रेलवे ने राजनीतिक गतिविधियों के चलते दोनों पहलवानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद, 6 सितंबर को दोनों ने अपने पदों से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली। विनेश उत्तर रेलवे के खेल विभाग में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (OSD) के पद पर कार्यरत थीं और बजरंग भी खेल विभाग में OSD के पद पर थे। रेलवे ने अभी तक दोनों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
रेलवे में इस्तीफा देने के क्या नियम हैं?
भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, किसी कर्मचारी को इस्तीफा देते समय तीन महीने का नोटिस पीरियड देना पड़ता है। इस अवधि के दौरान, कर्मचारी चाहें तो अपना इस्तीफा वापस भी ले सकते हैं। यदि कर्मचारी तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देते हैं, तो वापसी की कोई गुंजाइश नहीं रहती है।
बिना इस्तीफा स्वीकार हुए क्या चुनाव लड़ पाएंगी विनेश?
चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, किसी भी सरकारी पद पर आसीन व्यक्ति को चुनाव लड़ने से पहले अपने पद से इस्तीफा देना अनिवार्य है और संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेना होता है। बिना NOC के रिटर्निंग अधिकारी उम्मीदवार का आवेदन स्वीकार नहीं करते। इस स्थिति में, विनेश के चुनाव लड़ने पर सवाल खड़े हो गए हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह चुनाव लड़ पाएंगी या नहीं। यह मामला उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
RNI