143 वर्षों के इतिहास में पहली बार रेलवे सुरक्षा बल को मिली पहली महिला प्रमुख, आईपीएस सोनाली मिश्रा ने संभाला पदभार

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के 143 वर्षों के इतिहास में पहली बार किसी महिला अधिकारी ने महानिदेशक का पद संभाला है। आईपीएस अधिकारी सोनाली मिश्रा ने आरपीएफ की महानिदेशक (डीजी) के रूप में पदभार ग्रहण कर एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत की है।

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है और वे 31 अक्टूबर, 2026 तक इस पद पर कार्यरत रहेंगी। वे 1993 बैच की मध्य प्रदेश कैडर की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं और पुलिस सेवा में 30 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं।

पदभार संभालने से पहले वे पुलिस चयन एवं भर्ती की अतिरिक्त महानिदेशक, पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल तथा मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी की निदेशक के रूप में कार्य कर चुकी हैं। वे सीबीआई, बीएसएफ तथा संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (कोसोवो) में भी सेवा दे चुकी हैं।

उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक (विशिष्ट सेवा) और पुलिस पदक (सराहनीय सेवा) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

रेलवे सुरक्षा बल को सोनाली मिश्रा जैसी अनुभवी और दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता मिलने से बल की कार्यप्रणाली में आधुनिकीकरण, क्षमता निर्माण और समुदाय सहभागिता को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने आरपीएफ की कमान संभालने पर आभार जताया और बल की मूल भावना- “यशो लभस्व” को आत्मसात करते हुए सतर्कता, साहस और सेवा के मूल्यों पर दृढ़ रहने का संकल्प दोहराया।

महानिदेशक के रूप में मिश्रा का फोकस उन्नत तकनीक के प्रयोग और मानव तस्करी तथा कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों की रोकथाम पर रहेगा। उनका अनुभव आरपीएफ को संगठित अपराध से निपटने में और अधिक सक्षम बनाएगा।

रेलवे सुरक्षा बल ने नई महानिदेशक का सभी स्तरों पर स्वागत करते हुए उनके नेतृत्व में नई उपलब्धियों की आशा व्यक्त की है।

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