दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने पांच दिन ( 4 मार्च तक) की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है.
मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई ने रविवार को आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ़्तार किया था.
सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मनीष सिसोदिया को दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और पांच दिन की रिमांड की मांग की. वहीं सिसोदिया के वकीलों ने सीबीआई रिमांड का विरोध किया.
सिसोदिया पर 2021 में लाई गई शराब नीति बनाने और उसे लागू करने में हुई कथित अनियिमितताओं में शामिल होने का आरोप लगाया गया है.
उधर सिसोदिया की गिरफ़्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सोमवार को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए अदालत परिसर के आसपास सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए थे.
मनीष को अरविंद केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद साथी के रूप में देखा जाता है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जिस दिल्ली मॉडल की शिक्षा नीति का प्रचार देश भर में करते हैं, उसका चेहरा मनीष ही हैं.
देश भर में आम आदमी पार्टी के विस्तार की योजना के केंद्र में भी मनीष को ही देखा जाता है.
सीबीआई ने मनीष को आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितता के मामले में गिरफ़्तार किया है. हालाँकि दिल्ली सरकार की इस आबकारी नीति को पहले ही रद्द कर दिया गया था.
सीबीआई का कहना है कि मनीष पूछताछ के दौरान गोलमोल जवाब दे रहे थे. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मनीष जाँच में सहयोग नहीं कर रहे थे. सीबीआई के दावा है कि मनीष के ख़िलाफ़ ठोस सबूत हैं.
सीबीआई के दावों को आम आदमी पार्टी ने ख़ारिज किया है. आप ने कहा है कि केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने मनीष को गंदी राजनीति के तहत फ़र्ज़ी मामले में गिरफ़्तारी करवाई है.
इससे पहले सीबीआई ने पिछले साल 17 अक्टूबर को मनीष सिसोदिया से पूछताछ की थी. इस पूछताछ के एक महीने बाद सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था.
पिछले साल 17 अगस्त को सीबीआई ने मनीष और 14 अन्य के ख़िलाफ़ गृह मंत्रालय का हवाला देकर मुक़दमा दर्ज किया था.
मनीष के ख़िलाफ़ आरोप है कि उन्होंने लाइसेंसधारियों के पक्ष में अनुचित तरीक़े से आबकारी नीति में बदलाव किया था. इसके तहत लाइसेंस शुल्क या तो माफ़ कर दिया गया या कम किया गया था.
आरोप है कि शराब के थोक विक्रेता के लाइसेंस की मियाद बिना आधिकारिक मंज़ूरी के ही आगे बढ़ा दी गई थी.
आरोप है कि आम आदमी पार्टी के संचार और मीडिया प्रभारी रहे विजय नायर ने आप नेता के तौर पर एक ‘साउथ ग्रुप’ से एडवांस में ‘रिश्वत’ के तौर पर 100 करोड़ रुपये की रक़म ली थी.
‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस साउथ ग्रुप में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंता, टीआरएस एमएलसी के कविता और अरबिंदो फ़ार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी की हिस्सेदारी है.
इस ग्रुप के साझीदारों ने भुगतान की वसूली के लिए कथित तौर पर 65 फ़ीसदी हिस्सेदारी महांद्रु इंडो स्पिरिट्स को दिया था. इसमें हिस्सेदारी को नियंत्रित फ़र्ज़ी प्रतिनिधित्व के ज़रिए किया जाता था.
सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, थोक वितरण शराब कंपनी पेर्नोड रिकार्ड और डिआजियो से इंडो स्पिरिट्स और ब्रिंडको स्पिरिट्स के पास जाना था.आरोप है कि थोक विक्रेताओं से छह प्रतिशत रक़म रिश्वत के रूप में ली गई और यह रक़म विजय नायर और हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली के बीच आधी-आधी बाँट ली गई.
इस मामले में सीबीआई केस के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की भी जाँच कर रहा है और नौ लोगों को गिरफ़्तार किया है.
चार्जशीट में कहा गया है कि कथित रिश्वत की रक़म हवाला के ज़रिए 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव में आप के चुनावी कैंपेन में लगाई गई थी. ईडी ने आरोप लगाया है कि ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों का प्रतिनिधित्व सहअभियुक्त अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और चार्टर्ड अकाउंटेंट बचीबाबू गोरांटला करते थे. सीबीआई ने हाल ही में गोरांटला को भी गिरफ़्तार किया था.