सावन मास का महत्व

सावन मास का विषेश महत्व है। यह मास भगवान शंकर को बहुत प्रिय है। इसी मास में देव-दानवों ने समुद्र मंथन किया था जिस में हलाहल निकला था। यह हलाहल संसार के लिये अति घातक था जिसे भगवान शंकर ने पी लिया था और उन्होंने इसे अपने कण्ठ में धारण कर लिया था। उन्हें इस हलाहल से अति पीड़ा होने के कारण देवताओं ने उन का जलाभिषेक किया जिस से उन्हें इस कष्ट से आराम मिला था।

तब से ही पृथ्वी लोक पर सावन मास में भगवान शंकर का जलाभिषेक करने की प्रथा है। सावन मास में जलाभिषेक के और भी कई कारण हैं किन्तु यह प्रमुख कारण है। भगवान इस से अति प्रसन्न हो कर परिवार में सुख, शांति व समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

सावन का पवित्र महीना 4 जुलाई 2023 से आरंभ होगा । इस बार अधिक मास होने के कारण सावन के भगवान शंकर के रुद्राभिषेक 31 अगस्त तक किये जायेंगे। जिस में 8 सोमवार के दिन होंगे।

झण्डेवाला देवी मंदिर में इन दिनों प्रतिदिन पांच अभिषेक किये जायेंगे। इन अभिषेकों की बुकिंग पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आरंभ हो चुकी है। इच्छुक भक्तजन मंदिर में आकर बुकिंग करवा सकते हैं। जलाभिषेक हेतु आवश्यक वस्तुओं की सूची भी वहीं से उपलब्ध होगी।

नंदकिशोर सेठी
मीडिया प्रमुख
झण्डेवाला देवी मंदिर

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