NDA संसदीय दल के नेता चुने गए मोदी। तीसरी बार मोदी सरकार।

4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से नई सरकार के गठन को लेकर चर्चा लगातार हो रही है. अब जब तय हो चुका है कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं तो अब उनके मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा जोर पकड़ चुकी है.

दरअसल, बीजेपी को बहुमत न मिलने पर एनडीए की बहुमत वाली सरकार बन रही है, ऐसे में टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, 9 जून को शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय की गई है वहीं, शपथ ग्रहण की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं जो राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होगा. कई विदेशी मेहमानों को भी न्यौता भेजा गया है. इन सब के बीच इससे पहले बीजेपी चाहती है कि सहयोगी दलों से सभी बातें फाइनल कर ली जाएं. अब वो कौन सी चीजें हैं जिन पर होनी है बात.

सरकार बनने में सहायक जेडीयू बिहार राज्य के लिए स्पेशल स्टेटस का दर्जे की मांग तो कर ही रही है, इसके साथ ही उसने 3 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री की भी मांग की है.

वहीं चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की भा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के साथ-साथ 5 मंत्रालय की भी मांग कर रही है.

शिवसेना (शिंदे) गुट की मांग है कि उसे 3 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री के पद मिलें. वहीं चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी की मांग है कि 1 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री के पद मिलें. जीतनराम मांझी की हम एक राज्य मंत्री और इसी तरह से अनुप्रिया पटेल ने एक राज्य मंत्री की मांग की है.

पिछली बार की सरकार में 5 सांसदों पर एक कैबिनेट का पद दिया गया था. क्या इस बार भी इसी फॉर्मूले पर काम किया जाएगा क्योंकि इस बार सहयोगी दलों की संख्या भी ज्यादा है. 41 सांसद सहयोगी दलों के हैं जिनके भरोसे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे. अगर तीन सांसदों पर एक मंत्री पद दिया जाता है तो सहयोगी दलों की मांगों को पूरा किया जा सकता है. अब देखने वाली बात होगी कि बीजेपी किस फॉर्मूले को अपनाती है.

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