झुग्गी वासियों के लिए दिल्ली में राहत भरी खबर सामने आई है. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को एक बड़ा आदेश जारी करते हुए कहा है कि राजधानी में अब कोई भी झुग्गी-झोपड़ी नहीं तोड़ी जाएगी.
उन्होंने इस संबंध में रेलवे, डीडीए समेत सभी विभागों को आदेश भी जारी कर दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर ऐसा करना ही है तो सबसे पहले झुग्गीवासियों को मकान दिए जाएंगे उसके बाद ही उन्हें हटाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली सरकार इस मुद्दे को को लेकर अदालत भी जाएगी. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बाबत उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से भी मुलाकात की है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि शहर में किसी भी झुग्गी को तब तक नहीं तोड़ा जाएगा जब तक कि उसमें रहने वालों को पक्का घर न मिल जाए. अगर जरूरत पड़ी तो उनकी सरकार सभी के लिए सम्मान और आवास सुनिश्चित करे के लिए नीतियों में संशोधन करेगी.
सीएम ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सतत विकास पर ‘विकास भी, हरियाली भी’ शीर्षक से आयोजित एक सेमिनार में दिल्ली की सूरत बदलने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि शहर को अब बेहतर स्कूल, अस्पताल, सड़कें, पानी और सीवर लाइनें, सौर और पुनर्जीवित यमुना के साथ विकास को गति देनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हम हर एक को मकान देंगे और एक भी झुग्गी टूटने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली भारत की राजधानी है और यह तेज विकास, बेहतर बुनियादी ढांचे, तकनीक और अपने निवासियों के लिए बेहतर जीवन की हकदार है. लेकिन अब, हमारे पास इसे फिर से बनाने और इसे सही करने का मौका है.
सीएम ने इस दौरान श्रम नियमों, खासकर 1954 के उस नियम की भी आलोचना की, जो महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने से रोकता है. उन्होंने कहा कि रात में काम करना है या नहीं यह महिलाओं की अपनी पसंद होनी चाहिए. सरकार को उन पर फैसले नहीं थोप सकती है. सीएम ने ऐलान किया कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं के बेहतर अवसर सुनिश्चित करने के लिए उस प्रतिबंध को हटा दिया है, साथ ही सुरक्षित कार्य वातावरण का वादा भी किया है.