विक्रम गोस्वामी / क्राइम हिलोरे न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में एक बार फिर अवैध निर्माण और सरकारी नियमों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाए जाने का घिनौना मामला सामने आया है। गली नंबर – 1 में मुल्तानी ढांडा स्थित प्रॉपर्टी संख्या 8928 पर बिल्डर माफिया खुलेआम एमसीडी, दिल्ली जल बोर्ड, स्थानीय राजस्व विभाग और यहां तक कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए एक अवैध होटल का निर्माण कर रहा है। इस होटल को कथित तौर पर एयर बी एन बी स्कीम के नाम पर लीगल जामा पहनाने की साजिश रची जा रही है।
इस घोटाले का मास्टरमाइंड वही कुख्यात बिल्डर बलविंदर कपूर है, जो इलाके में अपनी गुंडागर्दी, धमकियों और हमलावर प्रवृत्ति के लिए पहले से ही कुख्यात है। बताया जा रहा है कि बलविंदर कपूर को इस अवैध कार्य में पूरा साथ दे रहा है इलाके का हिस्ट्रीशीटर और बाहुबली बी.सी. शिवदयाल उर्फ चिंटू उर्फ कारतूस, जो क्षेत्र में अपराध और अवैध कारोबार का पर्याय बन चुका है। ये दोनों मिलकर पहाड़गंज को खुलेआम अवैध निर्माण, अवैध होटलिंग और भू-माफिया की मंडी में तब्दील कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने इस घोटाले की शिकायतें कई बार संबंधित विभागों में की हैं, लेकिन एमसीडी इंजीनियरों और अधिकारियों की चुप्पी और पक्षपातपूर्ण रवैया इस अवैध धंधे को खुला समर्थन दे रहा है। सूत्रों की मानें तो एमसीडी अधिकारी बिल्डर की भाषा बोलते हैं, क्योंकि उन्हें स्थानीय राजनीतिक नेताओं का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है।
यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या एमसीडी और दिल्ली सरकार के नियम सिर्फ आम जनता के लिए हैं? जब हर स्तर के नियम, कानून और विभागीय दिशानिर्देश मौजूद होने के बावजूद, खुलेआम निर्माण हो रहा है तो फिर ऐसे कानूनों का औचित्य ही क्या है?
सबसे शर्मनाक पहलू यह है कि NGT के आदेशों की भी धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। एनजीटी के स्पष्ट निर्देश हैं कि पर्यावरणीय संतुलन, जल संरक्षण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बिना किसी भी प्रकार का व्यवसायिक निर्माण प्रतिबंधित है, लेकिन प्रॉपर्टी नंबर 8928 पर ना तो जल निकासी की व्यवस्था है, ना ही ठोस कचरे के निपटारे की। इसके बावजूद यहां होटल का संचालन किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि जब वे इस अवैध निर्माण और गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो उन्हें बलविंदर कपूर और चिंटू के गुर्गों से जान से मारने की धमकियाँ मिलती हैं। ऐसे में आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है। इलाका धीरे-धीरे असामाजिक तत्वों का गढ़ बनता जा रहा है।
दिल्ली सरकार, एमसीडी, दिल्ली पुलिस और पर्यावरण विभाग की चुप्पी और लाचारी इस बात की गवाह है कि बलविंदर कपूर जैसों के सामने कानून घुटने टेक चुका है। अगर अब भी इस अवैध होटल निर्माण पर रोक नहीं लगी, तो यह दिल्ली की न्याय व्यवस्था और लोकतंत्र के मुंह पर करारा तमाचा होगा।
जनहित में अब समय आ गया है कि उच्चस्तरीय जांच बैठाई जाए, और इस पूरे अवैध निर्माण माफिया-राजनीति-अधिकारी गठजोड़ का पर्दाफाश कर सख्त कार्रवाई की जाए। वरना जल्द ही पहाड़गंज जैसे इलाके असामाजिक और अवैध गतिविधियों के अड्डे बन जाएंगे, और राजधानी दिल्ली की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा।