मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार कोरोना के बढ़ रहे मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी तैयारियां मजबूत कर ली है। सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उच्च स्तरीय बैठक की थी। वहीं, शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने भी हाई लेवल मीटिंग कर स्वास्थ्य विभाग से अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन समेत अन्य चीजों की उपलब्धता की जानकारी ली। सरकार की ओर से की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों से घबराने की जरूरत नहीं है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की तैयारी पुख्ता है। केंद्र सरकार ने छह राज्यों को चिंहित किया था, जहा कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन छह राज्यों में दिल्ली शामिल नहीं है। दिल्ली में ज्यादातर एक्सबीबी1.16 वैरिएंट के मामले आ रहे हैं। यह सीवियर नहीं है, लेकिन वैक्सीन लगवाने के बाद भी हमला कर सकता है। सीएम ने कहा कि नए वैरिएंट का पहले ही पता लगाने के लिए हम सभी मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करा रहे हैं। एयरपोर्ट पर 2 फीसद यात्रियों की रैंडम जांच की जा रही है। अपील है कि इंफ्लुएंजा और सांस की बीमारी वाले मरीज मास्क लगाकर रखें।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद कोरोना के बढ़ते मामलों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कोरोना के मामले को बढ़ता देख मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को हर स्तर पर अपनी तैयारियां मजबूत रखने का निर्देश दिया है, ताकि अगर दिल्ली में केस बढ़े तो लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। दिल्ली में आ रहे कोरोना के मामलों की रिपोर्ट पर रोजाना नजर रख रहे सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज, राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत, मुख्य सचिव, विशेषज्ञों और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने अस्पतालों में कोरोना मरीजों को लेकर की गई तैयारियां और भविष्य की तैयारियों पर विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कोविड-19 के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने की हिदायत दी है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता कर उच्च स्तरीय बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना को लेकर गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी। उसके बाद मैंने आज उच्च स्तरीय बैठक की है। केंद्र सरकार ने करीब दो सप्ताह पहले छह राज्य चिंहित किए थे, जहां कोरोना ज्यादा बढ़ रहा है। गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में कोरोना ज्यादा बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की ओर से इन राज्यों को विशेष हिदायत दी गई थी। इन छह राज्यों में दिल्ली शामिल नहीं है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 15 मार्च को कोरोना के करीब 42 केस थे और 15 दिन के अंदर बढ़कर 30 मार्च को 295 केस हो गए। दिल्ली में कोरोना के केस में अचानक वृद्धि को हमने पहले ही समझने की कोशिश की है कि क्यों बढ़ रहा है? दिल्ली में अभी कोविड के एक्टिव केस 932 हैं। 30 मार्च को 2363 सैंपल्स की जांच की गई थी। दिल्ली में अभी कोरोना के 295 केस ही हैं। हालांकि अभी घबराने की कोई बात नहीं है। फिर भी हम समय रहते जो भी कदम उठाने की जरूरत है, वो उठा रहे हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना से अभी तक तीन मौतें हुई हैं। इसमें 2 मौतें परसो हुई थीं और एक की मौत चार-पांच दिन पहले हुई थी। तीनों मामलों में कोमोर्बिडिटी बहुत सीवियर थी। ऐसा अनुमान है कि ये तीनों मौतें कोमोर्बिडिटी की वजह से हुई हैं। पर यह कहा नहीं जा सकता। एक मामले में मरीज की किडनी का ट्रांसप्लांट हुआ था और वो दो-तीन महीने से अस्पताल में भर्ती था, उसकी मौत हो हुई है। यह कहना कि उसकी मौत कोरोना की वजह से हुई है, शायद थोड़ा गलत होगा, लेकिन सच्चाई है कि ऐसे तीन लोगों की मौत हुई है, जिनको कोरोना था। इन तीनों में से दो दिल्ली के बाहर के रहने वाले थे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस वक्त हमारे पास कोरोना के जितने भी मामले आ रहे हैं, उनका हम 100 फीसद जीनोम सीक्वेंसिंग करा रहे हैं। इसके पीछे हमारा मकसद यह है कि अगर कोई भी नया वैरिएंट निकल कर आए तो हमें पहले ही पता चल जाए कि कहीं कोई चिंता का विषय तो नहीं है। दिल्ली में इस वक्त कोरोना का सर्वाधिक वैरिएंट एक्स बीबी1.16 का आ रहा है। लगभग 48 मामलों में एक्स बीबी1.16 वैरिएंट है और बाकी मामलों में भी इसी वैरिएंट के सब-वैरिएंट हैं। इस वैरिएंट के तीन गुण देखे जा रहे हैं। यह बहुत तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह बिल्कुल भी सीवियर नहीं है। ना तो इसमें कोई तेज लक्षण हैं, ना ही ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है और ना ही इसमें मौत ज्यादा होने की चिंता है। एक्सबीबी1.16 वैरिएंट की सीवियरिटी कम है। एक्सबीबी1.16 वैरिएंट वैक्सीन की भी परवाह नहीं करता है। अगर आपने वैक्सीन भी लगवा रखा है तब भी आप पर हमला कर सकता है। हम लोग दिल्ली में सीवेज से एडवांस में पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं कोरोना तो नहीं आ रहा है। इसके तहत हम दिल्ली के सात-आठ जगहों से सैंपल लेते हैं और उसका टेस्ट करते हैं। अगर कोरोना आता है तो पहले सीवेज में डिटेक्ट होना चालू हो जाता है। फरवरी के मध्य तक इसकी टेस्ट रिपोर्ट दिल्ली में पूरी तरह निगेटिव था। उसके बाद से कुछ सैंपल में पॉजिटिव आना चालू हुआ।
सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू के साथ 7986 बेड्स तैयार हैं- अरविंद केजरीवाल*
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वैसे तो कोरोना को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। फिर भी हमारी तरफ से इसे लेकर पूरी तैयारी है। अभी कोरोना के बहुत कम मामले हैं और कोई सीवियरिटी भी नहीं है। फिर भी सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 7986 बेड्स तैयार हैं। इसमें ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू बेड्स भी शामिल हैं। इन 7986 बेड्स में केवल 66 बेड्स पर ही मरीज हैं। सीएम ने बताया कि आरटीपीसीआर टेस्ट करने की हमारे पास पूरी क्षमता है। प्रतिदिन करीब 4 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट हमारे सरकारी लैब में करने की क्षमता है और प्राइवेट लैब्स में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट करने की क्षमता है। दिल्ली में वैक्सीनेशन का प्रदर्शन भी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा अच्छा रहा है। दिल्ली में 18 से अधिक उम्र के लगभग सभी लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। वहीं, 18 से कम उम्र की श्रेणी में पहली डोज सबको लग चुकी है, जबकि दूसरी डोज करीब 85 फीसद लोगों को लग चुकी है।
*10-11 अप्रैल को सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की मॉड ड्रिल कर तैयारियों को परखा जाएगा- अरविंद केजरीवाल*
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारे पास पर्याप्त एंबुलेंस, ऑक्सीजन और ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता है। हम लोगों ने खुद ही 26 मार्च को दिल्ली सरकार के 38 अस्पतालों में मॉड ड्रिल की थी और तैयारियां को परखा था। इस दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता और उपकरणों का जायजा लिया गया था। एक तरह से सारी चीजों का ट्रायल करके देखा गया था कि सारी चीजें काम कर रही हैं या नहीं कर रही हैं। केंद्र सरकार से भी दिशा-निर्देश आए हैं। 10-11 अप्रैल को दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की मॉड ड्रिल की जाएगी। दिल्ली सरकार की ओर से कोरोना के बारे में जागरूक करने और सावधानी बरतने के लिए मीडिया कैंपेन चलाया जाएगा और लोगों से गाइड लाइन का पालन करने की अपील की जाएगी।
*सभी सरकारी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने के निर्देश- अरविंद केजरीवाल*
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एयरपोर्ट पर दो फीसद यात्रियों की रैंडम जांच की जा रही है। साथ ही, सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार रखें। जैसे कि अगर आईएलबीएस में किसी का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ और उसको कोरोना हो गया तो उसको कोरोना वाले अस्पताल में नहीं लेकर जाया जाया, बल्कि उसी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे उस मरीज के किडनी और कोरोना दोनों का इलाज होता रहेगा। हर सरकारी अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड की तैयारी की गई है। जितने भी एक्यूट रेस्पेरेटरी वाले मरीज हैं, ऐसे मरीज को अस्पताल में प्रवेश करते ही मास्क दिया जाता है और उनका 100 फीसद सारे टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके अलावा, इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण वाले 5 फीसद मरीजों का रैंडम टेस्ट किए जा रहे हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में रहने वाले लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि दिल्ली में लोगों को कोरोना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार पूरी तरह से नजर रखे हुए है और किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इंफ्लुएंजा और सांस की बीमारी वाले मरीज मास्क लगाकर रखना चाहिए। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार की ओर से मास्क लगाने को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं है। केंद्र सरकार से जैसे-जैसे गाइड लाइन आएगी, हम उस पर कदम उठाएंगे।