निगम की मिलीभगत से चल रहा है प्रॉपर्टी संख्या 9120, गली नंबर 3, मुल्तानी ढांडा में एक गुरुद्वारे की जमीन पर अवैध निर्माण

वरिष्ठ संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली के दिल कहे जाने वाले पहाड़ गंज इलाके में स्थित प्रॉपर्टी संख्या 9120, गली नंबर 3, मुल्तानी ढांडा में एक गुरुद्वारे की जमीन पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया है। इस जमीन पर बहुमंजिला फ्लैट्स बनाए जा रहे हैं, जो सीधे तौर पर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी धार्मिक स्थल की जमीन पर रहने के लिए फ्लैट्स या अन्य स्थायी निर्माण नहीं किए जा सकते। इसके बावजूद, इस स्थान पर चल रहे निर्माण कार्य ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह निर्माण कार्य पिछले कुछ समय से जारी है, लेकिन संबंधित प्रशासनिक विभागों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। करोल बाग ज़ोन के बिल्डिंग डिपार्टमेंट को इस मामले की जानकारी होने के बावजूद, डीएमसी एक्ट के तहत किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है। इस निष्क्रियता ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं और उनकी प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन न केवल कानूनी दृष्टि से गलत है, बल्कि यह धार्मिक स्थलों की पवित्रता और उनके उद्देश्य को भी आहत करता है। इस प्रकार के अवैध निर्माण को रोकने के लिए अधिकारियों की निष्क्रियता से स्थानीय लोगों में असंतोष फैल रहा है। उनका कहना है कि प्रशासन को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

वहीं, क्षेत्र में कुछ लोग इसे एक संगठित साजिश के रूप में भी देख रहे हैं, जहां आर्थिक लाभ के लिए धार्मिक स्थलों की जमीन का उपयोग किया जा रहा है। इस मामले में शामिल लोगों की पहचान और उनकी मंशा को उजागर करना भी जरूरी है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

यह मामला केवल स्थानीय प्रशासन की विफलता का संकेत नहीं देता, बल्कि यह भी दिखाता है कि कानून के अनुपालन और उसकी निगरानी में कितनी खामियां हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने धार्मिक स्थलों की जमीन के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन इस घटना ने उन निर्देशों की प्रभावशीलता पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।

स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले को उजागर करने के लिए आवाज उठाई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध निर्माण को तुरंत रोका जाए और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं और उनका सख्ती से पालन किया जाए।

इस मामले में अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक अपनी चुप्पी तोड़ता है और इस अवैध निर्माण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं। कोर्ट के आदेशों का पालन और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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