यातायात नियमों की जानकारी बारे जिला के 885 स्कूल व 27 कॉलेज में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई सड़क सुरक्षा प्रतियोगी परीक्षा

झज्जर

एसपी डॉ अर्पित जैन के दिशा निर्देश अनुसार व डीएसपी शमशेर सिंह दहिया के मार्गदर्शन में झज्जर जिला में शुक्रवार को सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के संबंध में प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया गया। सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी बारे जिला के 885 स्कूल व 27 कॉलेजों में प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया गया। यातायात नियमो की जानकारी तथा नियमो की पालना के प्रति छात्र छात्राओँ को प्रेरित करने के उदेश्य से झज्जर जिला पुलिस द्वारा चलाये जा रहे विशेष अभियान के बाद जिला में यातायात नियमो के सम्बन्ध में प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया गया। सड़क दुर्घटनाओ तथा इनसे होने वाली जान व माल की हानि को रोकने के उदेश्य से एसपी डॉ अर्पित जैन के दिशा निर्देशानुसार झज्जर जिला में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। यातायात नियमो की जानकारी व उनकी पालना करने के प्रति छात्र छात्राओं को प्रेरित करने के उदेश्य से चलाये गए विशेष अभियान की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए उप पुलिस अधीक्षक झज्जर शमशेर सिंह दहिया को नोडल अफसर की जिम्मेवारी सौपी गई। प्रतियोगी परीक्षा के सुचारू संचालन के संबंध में एसपी डॉ अर्पित जैन द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे। डीएसपी शमशेर सिंह दहिया के नेतृत्व में जिला के 885 स्कूल व 27 कॉलेजों के प्रिंसिपल, थाना प्रबंधक यातायात बहादुरगढ़, यातायात प्रभारी झज्जर, जिला में कार्यरत आरएसओ तथा यातायात समन्वयक सहित अन्य पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी में प्रतियोगी परीक्षा संपन्न हुई। इस प्रतियोगी परीक्षा को संपन्न कराने में जिला के सभी खंड शिक्षा अधिकारी व स्कूल स्टाफ का विशेष योगदान रहा।
एसपी डॉक्टर अर्पित जैन ने बताया कि स्कूलों में ट्रैफिक रूल्स के बारे में विद्यार्थियों को शिक्षकों द्वारा कभी नहीं पढ़ाया जाता। जबकि अलग अलग तरह की बीमारियों बारे विस्तार से पढ़ाया व जागरूक किया जाता है। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन न करने के कारण असंख्य लोग सड़क दुर्घटनाओं में काल का ग्रास बनते हैं। जिनमें अधिकतर 18 से 25 वर्ष उम्र के युवक होते हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों को गंभीरता से लेते हुए विद्यार्थियों को नियमों बारे जागरूक करें। रोड सेफ्टी को हर घर तक पहुंचाना है। भावी जनरेशन की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए विद्यार्थियों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी देना अति आवश्यक है। भावी पीढ़ी को बचाकर समाज का निर्माण कार्य करने में शिक्षक वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। शिक्षक स्वयं भी सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें तथा विद्यार्थियों को भी सड़क सुरक्षा नियमों की पालना बारे विस्तार से जानकारी देते हुए जागरूक करें। उन्होंने बताया कि विशेष अभियान के तहत जिला के सभी शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। श्रेणी एक में कक्षा तीसरी से पांचवीं तक , श्रेणी दो में छटी से आठवीं तक व श्रेणी तीन में नोवी से बाहरवी तक तथा ऊपर की कक्षाओं के छात्र छात्राओं को श्रेणी चार में शामिल किया गया। उपरोक्त सभी श्रेणियों के विद्यार्थियो को यातायात नियमो की विस्तार से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला के लगभग सभी सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थानों में सड़क सुरक्षा नियमो से सम्बंधित लिखित प्रतियोगी परीक्षा तथा रोड़ सेफ्टी क्विज कम्पीटिशन के सम्बन्ध में बारीकी से जानकारी मुहैया कराई गई है। शुक्रवार को हुई सड़क सुरक्षा प्रतियोगी परीक्षा में जिला के लगभग एक लाख 60 हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि सभी थाना प्रबंधको व चौकी प्रभारियों व आरएसओ को आपसी सहयोग से अभियान को सफल करने के निर्देश देते हुए अलग-अलग जिम्मेवारियां सौंपी गई थी।

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