यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को MBBS की डिग्री हासिल करने का मिलेगा सीमित मौका: सुप्रीम कोर्ट

यूक्रेन से भारत लौटे मेडिकल छात्रों को भारत में MBBS की डिग्री हासिल करने का सीमित मौका दिया जाएगा. केंद्र सरकार के इस जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया.

पिछले साल मार्च में यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी.

हालांकि, सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इन छात्रों को भारत के कॉलेज में दाखिला देना संभव नहीं है लेकिन उन्हें 2 हिस्सों में परीक्षा देकर डिग्री हासिल करने का मौका दिया जाएगा. यह सुविधा भी उन्हीं छात्रों को दी जा रही है, यूक्रेन में जिनके मेडिकल कोर्स के आखिरी 2 साल बचे थे.

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जिन छात्रों की यूक्रेन में आखिरी 2 साल की पढ़ाई बची थी, उन्हें 2 हिस्सों में MBBS परीक्षा देने का मौका मिलेगा. यह परीक्षा भारतीय सिलेबस के मुताबिक होगी. इसके बाद 2 साल की इंटर्नशिप भी करनी होगी. केंद्र का कहना था कि दोनों परीक्षा पास करने के लिए भी 1-1 बार ही मौका दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि भारत के कॉलेज में इन छात्रों को प्रवेश न देने के फैसले में वह कोई दखल नहीं देगा, क्योंकि नियमों में इसकी कोई जगह नहीं है लेकिन दोनों परीक्षा पास करने के लिए सिर्फ 1-1 मौका देना सही नहीं है. दोनों परीक्षा में 2-2 मौके दिए जाएं. इस आदेश के साथ कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई बंद कर दी.

सुप्रीम कोर्ट में 1 साल से ज़्यादा समय से 35 याचिकाएं लंबित थीं. यह याचिकाएं अर्चिता, राना संदीप बूसा, पार्थवी आहूजा, प्राप्ति सिंह, अमोल शुक्ला, मोहम्मद सैफ समेत सैकड़ों लोगों की थीं. इनमें कहा गया था याचिकाकर्ताओं ने बताया है कि लगभग 18 हजार भारतीय मेडिकल छात्र स्वदेश लौटने को विवश हुए हैं. यूक्रेन में स्थिति सामान्य होने की अभी कोई संभावना नहीं है. ऐसे में हजारों छात्रों का भविष्य अधर में है. प्रवेश नियमों में छूट देकर इन छात्रों को सरकारी और निजी कॉलेजों में जगह दी जाए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *