संसद की सुरक्षा में चूक मामले में मास्टरमाइंड ललित झा 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर

संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक के मामले के मुख्य साजिशकर्ता माने जा रहे ललित झा को पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस हिरासत में शुक्रवार (15 दिसंबर) को भेज दिया. ललित को सात दिनों कि पुलिस हिरासत में भेजा गया है।

पुलिस के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि ललित से पता लगाना है कि पैसा कहां से आया और इनका मकसद क्या था? पुलिस ने कहा कि अब तक जांच में मास्टरमाइंड के तौर पर ललित झा का नाम सामने आया है. इससे मोबाइल फोन की बरामदगी भी करनी है. इस कारण हमें 15 दिनों की हिरासत चाहिए।

लोकसभा की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में छह लोग शामिल रहे. इसमें ललित के अलावा सदन में सांसदों की बैठने वाली जगह पर कूदने वाले और केन के माध्यम से धुंआ फैलाने वाले सागर शर्मा और मनोरंजन डी हैं. वहीं संसद परिसर में तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाकर केन के जरिए धुआं फैलाने वाले नीलम और अमोल शिंदे हैं. इनका एक साथी विक्की भी पुलिस की गिरफ्त में है।

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट गुरुवार (14 दिसंबर) को ही मनोरंजन, सागर, अमोल शिंदे और नीलम को सात दिनों के लिए पुलिस की हिरासत में भेज चुकी है. पुलिस ने गुरुवार को कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाना आतंकी गतिविधि जैसी है. इस कारण हमने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और यूएपीए के तहत केस दर्ज किए है।

इसके अलावा मामले की जांच गृह मंत्रालय की गठित कमेटी भी कर रही है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में ये समिति बनाई गई है, जो जांच के अलावा संसद की सुरक्षा में सुधार के सुझाव को लेकर भी रिपोर्ट देगी।

दिल्ली पुलिस मामले को लेकर कह चुकी है कि सारे आरोपी एक दूसरे को पहले से जानते थे. ये लोग सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे से जुड़े हुए थे. कई दिनों से साजिश रच रहे थे।

बचा दें कि संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार (13 दिसंबर) को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान करीब दोपहर एक बजे दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और केन के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया।

इस दौरान ही लगभग पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली केन लेकर परिसर में प्रदर्शन कर रहे एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया।

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