हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने ली बैठक, सुरक्षित वाहन पॉलिसी की अनुपालना सुनिश्चित के निर्देश

विशेष संवाददाता चिमन लाल

निर्धारित मापदंड पूरे न करने वाले स्कूल वाहनों को जब्त करने के निर्देश

नर्सरी से पहली कक्षा तक के बच्चों को न दिया जाए होमवर्क

रोहतक

हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. मांगेराम और मीना कुमारी द्वारा जिला के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में बच्चों के हित को देखते हुए सरकार के द्वारा चलाई जा रही सुरक्षित वाहन पॉलिसी और स्कूल बैग पॉलिसी के बारे में दिशा निर्देश जारी किए गए।
सदस्यों ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में जितने भी स्कूल हैं और स्कूलों में जितने भी बच्चों को लाने और लेकर जाने के लिए वाहन संबंधित स्कूलों के द्वारा लगाए गए हैं उनके मापदंड सरकार द्वारा निर्धारित किए गए हैं, जिनकी पालना की जानी आवश्यक है। उक्त दंडों में मुख्य रूप से बताया गया है कि प्रत्येक स्कूल वाहन में एक महिला सहायिका का होना आवश्यक है। फस्र्ट एड किट भी बस में उपलब्ध होने चाहिए, जिसमें कोई भी दवाई एक्सपायर ना हुई हो इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए। बच्चों को बस तक छोडऩे के लिए और स्कूल में लाने के लिए सहायिका की मुख्य भूमिका होती है। यदि कोई स्कूल सुरक्षित वाहन पॉलिसी द्वारा निर्धारित मापदंडो को पूरा नहीं करता है तो उसके स्कूल के वाहन को जब्त कर लिया जाएगा, जिसके लिए स्कूल प्रशासन जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों मे चाइल्ड हेल्पलाइन, एक्सीडेंट हेल्पलाइन, पुलिस हेल्पलाइन आदि नंबर अंकित अवश्य होने चाहिए। इसके साथ ही सुरक्षित माहौल भी स्कूल के द्वारा उपलब्ध करवाया जाना आवश्यक है। जो भी कमेटी बच्चों से संबंधित सरकार द्वारा बनाई गई है उनके कार्य प्रणाली सुनिश्चित की जाए।
स्कूल बैग पॉलिसी के बारे में डॉ. मांगेराम और मीना कुमारी ने अधिकारियों को बताया कि नर्सरी से पहली कक्षा तक के बच्चों को किसी भी प्रकार का कोई होमवर्क न दिया जाए और कोई भी किताब स्कूल के द्वारा उन पर थोपी न जाए। स्कूल बैग का भार एक किलो 500 ग्राम तक निर्धारित किया गया है। पहली कक्षा से चौथी कक्षा तक के बच्चों के लिए उनके बैग का भार 4 किलो तक निर्धारित किया गया है। इससे अधिक भार बच्चों को न दिया जाए। छोटे बच्चों को प्ले वे मेथड के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाए। उनमें खेल की भावना को विकसित किया जाए। पढ़ाई का दबाव उन पर ना दिया जाए क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास को नुकसान पहुंचता है। क्योंकि बच्चे हमारे समाज का सबसे कोमल भाग है, जिसकी देखभाल करना हम समाज के लोगों की ही जिम्मेवारी है।
आयोग के सदस्यों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि स्कूल में बनाई गई पानी की टंकियों की समय-समय पर सफाई करवाना सुनिश्चित की जाए। शौचालय की सफाई सुनिश्चित की जाए और प्रत्येक स्कूल में शौचालय की सुविधा हो या भी सुनिश्चित हो। स्कूल में बने आंगनबाड़ी केंद्रों की ओर भी विशेष तौर पर अधिकारियों का ध्यान आयोग के सदस्यों ने दिलाया और कहा कि बच्चों को राशन नियमित रूप से दिया जाए कोई भी बच्चा बिना राशन न रहे। यह सुनिश्चित करना भी अधिकारियों की जिम्मेवारी है। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी मनजीत मलिक, जिला कार्यक्रम अधिकारी कुमारी दीपिका सैनी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह, बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा आशा आहुजा, संरक्षण अधिकारी पूनम और मोनी, डिप्टी सीएमओ डॉ. जयवीर और बाल कल्याण समिति के सभी सदस्य जिला बाल संरक्षण कार्यालय के सभी कर्मचारी गण श्रम विभाग से श्रम अधिकारी अनिल कुमार उपस्थित थे।

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