विशेष संवाददाता चिमन लाल
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीसीपी मयंक मिश्रा ने दी जानकारी
बहादुरगढ़
हाल ही में गांव रोहद में सामने आया गैंगरेप का मामला पूरी तरह से फर्जी निकला है। मामले की जांच के बाद पुलिस ने मामले का खुलासा किया। पूछताछ के दौरान कथित पीड़िता ने स्वीकार किया कि उसने झूठी कहानी गढ़ी थी। यह मामला मंगलवार सुबह सामने आया था। करीब 20 वर्षीय महिला ने आसौदा थाना पुलिस को शिकायत दी थी कि बाइक सवार तीन युवकों ने उसका मोबाइल छीना और जब वह उनका पीछा करने लगी तो तीनों उसे पकड़कर झाड़ियों में ले गए। फिर दो युवकों ने उसे पकड़कर रखा और तीसरे ने उसके साथ दुष्कर्म किया। प्रवासी महिला से गैंगरेप की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आसौदा थाना पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर जांच शुरू की। लेकिन महिला के बयानों और घटनास्थल के हालात में कई विरोधाभास नजर आए। पुलिस को महिला की कहानी पर शुरू से ही शक था। जांच के दौरान लगातार पूछताछ और काउंसलिंग के बाद महिला ने अपने परिवार के सामने सच स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि उसके और लाइफ पार्टनर (पति) के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे और पति की सहानुभूति पाने के लिए उसने यह कहानी गढ़ी। शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में डीसीपी मयंक मिश्रा ने इस फर्जी मामले से पर्दा उठाया। आईपीएस मिश्रा ने कहा कि मामला अब सुलझ चुका है। महिला की शिकायत झूठी पाई गई है। शिकायत देने वाली महिला और उसके पति यूपी से हैं। जांच और पीड़िता के बयान के बाद स्पष्ट हो गया है कि उसने झूठी शिकायत दी थी।