दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीमाल ने दिल्ली में बढ़ते क्राइम को देखकर चिंता जताई है. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि दिल्ली में बढ़ते क्राइम पर लगाम लगाने की दिशा में क्या कदम उठाने चाहिए इसको लेकर एक हाई लेवल मीटिंग होनी चाहिए.
इस मीटिंग में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सभी उच्च अधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए.
डीसीडब्ल्यू चीफ स्वाति मालीमाल ने कहा कि पिछले 7 सालों में महिलाओं के प्रति होने वाले क्राइम रेट तेजी से बढ़ोतरी हुई है. एक साल में करीब 92 हजार केस सामने आए है. जिसमें से 11 हजार केस बाहर के थे. इन केसों में घरेलू हिंसा के 38342 केस, रेप के 5895 केस, पॉक्सो एक्ट के 3647 केस, किडनैपिंग के 4267, साइबर क्राइम के 3555, गुमशुदगी के 1552 और बुजुर्ग को परेशान को परेशान करने के 3144 केस सामने आए है. सबसे ज्यादा केस जुलाई और अगस्त में आते है. 181 महिला हेल्पलाइन नंबर पर जब भी कॉल आती है तब हम उसे काउंसलिंग से लेकर हर जरूरी चीज़ ध्यान में रखते है. इसके अलावा 21 से 40 साल की महिलाओं की ज्यादा कॉल आती है. सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सबसे 2 हजार के करीब फोन कॉल आती है. पिछले महीने भी हमने एक 14 साल की बच्ची को बचाया था.
स्वाति मालीमाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस डायरेक्ट केंद्र सरकार के लिए काम करती है इसीलिए केन्द्र सरकार को बैठक करना चाहिए. दिल्ली पुलिस सही से काम नहीं कर रही है, अगर दिल्ली पुलिस सही से काम करती तो 181 पर कॉल आती ही नहीं. हालात ये है कि हमें शनिवार, रविवार को भी महिला हेल्पलाइन खोलना पड़ता है. ना फास्ट ट्रैक कोर्ट सही से काम करता है, ना फोरेंसिक लैब काम करता है. और ना ही पुलिस ध्यान देती है. पुलिस से पूछने वाला कोई नहीं है. कोई बीट ऑफिसर से पूछता नहीं है कोई एक्शन क्यों नहीं हुआ. मालीमाल ने कहा कि देश में कानून बन तो जाता तो लेकिन फॉलो नहीं होता है. अंजलि,साक्षी श्रद्धा जैसी घटना हो रही है. सरकार को महिलाओं के साथ खड़े होने की जरूरत है. DCW अध्यक्ष ने कहा कि नॉर्मल लड़कियां तो छोड़िए, वो लड़कियां जो खिलाड़ी है वो चीखती-चिल्लाती रही लेकिन उनके साथ न्याय नहीं हुआ. वो गुंडा बृजभूषण आराम से संसद में बैठा है.