भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को दिल्ली के पुराना किला से महाभारत काल से जुड़े सबूत मिले हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक वसंत स्वर्णकर ने बताया कि साइट से भगवान विष्णु, गज लक्ष्मी, भगवान गणेश की मूर्तियां और पेंटेड ग्रे वेयर कल्चर (PGW) से जुड़े कुछ मिट्टी के बर्तन मिले हैं.
दरअसल, चित्रित धूसर मृदभांड संस्कृति (PGW) उत्तर भारत की तांबे और लोहे से संबंधित संस्कृति है. इस संस्कृति से संबंधित जगहों पर लोहे के इस्तेमाल के सबूत मिलते हैं. साथ ही मिट्टी के स्लेटी रंग के बर्तनों पर काले रंग से कुछ डिजाइन बने होते हैं. स्वर्णकर ने कहा कि अलग-अलग युगों को अलग-अलग मिट्टी के बर्तनों की शैलियों से दर्शाया जाता है. जो स्लेटी रंग के बर्तन मिले हैं उन पर डिजाइन के तौर पर काले धब्बे और स्ट्रोक भी बने हैं.
पेंटेड ग्रे वेयर कल्चर (PGW) के बारे में पहली बार 1940 से 1944 के बीच पता चला था. 1950-52 के दौरान आर्कियोलॉजिस्ट (पुरातत्वविद) बीबी लाल को हस्तिनापुर में खुदाई के दौरान इससे जुड़े सबूत मिले. जिसके बाद इस संस्कृति की तारीख 1100-800 BCE के बीच तय की गई. महाभारत का युद्ध भी इसी दौरान हुआ था.
वसंत स्वर्णकर ने कहा- 1970 के दशक में आर्कियोलॉजिस्ट (पुरातत्वविद) बीबी लाल ने पुराना किला में पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ को ढूंढने के लिए खुदाई शुरू की थी. सदियों पहले जमीन के नीचे दबी कई जगहें और उसने जुड़े सबूत अब खुदाई होने के बाद सामने आ रहे हैं. ये जमीन की अलग-अलग परत में मिल रहे हैं. बीबी लाल के मुताबिक, जमीन की सबसे गहरी परत पेंटेड ग्रे वेयर कल्चर (PGW) की पाई गई. इसलिए उन्होंने PGW कल्चर को महाभारत के साथ जोड़ा. इसलिए हम मान रहे हैं कि साइट पर जो चीजें मिली हैं वो महाभारत काल की हैं.